मेरे प्रेम-विवाह करने से पहले और बाद के जीवन में आये उतराव-चढ़ाव का उल्लेख करती एक आत्मकथा पत्नी और सुसरालियों के फर्जी केस दर्ज करने वाले अधिकारी और रिश्वत मांगते सरकारी वकील,पुलिस अधिकारी के अलावा धोखा देते वकीलों की कार्यशैली,भ्रष्ट व अंधी-बहरी न्याय व्यवस्था से प्राप्त अनुभवों की कहानी का ही नाम है "सच का सामना"आज के हालतों से अवगत करने का एक प्रयास में इन्टरनेट संस्करण जिसे भविष्य में उपन्यास का रूप प्रदान किया जायेगा.
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सोमवार, जून 13, 2011
कोई खाकी वर्दी वाला मेरे मृतक शरीर को न छूने की कोशिश भी न करें
4 टिप्पणियां:
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आप भी अपने अच्छे व बुरे बैवाहिक अनुभव बाँट सकते हैं.
काश उन तक ये संदेश पहुंचे। बहुत बढिया
जवाब देंहटाएंBILKUL ALAG SA BLOG-SHANDAR...PRACTICAL BHI
जवाब देंहटाएंयहाँ भी पढ़ने में दिक्कत आई, नहीं पढ़ सका। आपने पहली पँक्ति में ही "दिल्ली पुलिस का कोई सादी या खाकी वर्दी वाला मेरे मृतक शरीर को न छूने की कोशिश भी न करें" लिखने में गलती कर दी है। यहाँ 'न छूने की कोशिश' नहीं 'छूने की कोशिश' लिखें।
जवाब देंहटाएंअब अलग खोल कर चित्रों को पढ़ने में समर्त हूँ। अब ठीक है।
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