लेकिन महिलाओं के हित में बनाये कानूनों के दुरूपयोग के चलते हुए आज मैं अपनी पत्नी और उसके परिजनों द्वारा दहेज मंगाने और दहेज का सामान (जो मुझे मिला ही नहीं) नहीं लौटने के झूठे केसों (धारा 498A और 406) में अब तक तिहाड़ जेल में एक महीना रहकर आ चूका हूँ और अब तक फँसा हुआ हूँ. आज मेरे पास वकील द्वारा जजों को सच बताने तक के लिए पैसे (वकीलों की फ़ीस) नहीं है, क्योंकि झूठे केसों के कारण अपने कार्य में ध्यान नहीं लगा पाता था. जो अब बंद हो गया है. हमारे देश की न्याय व्यवस्था में न्याय की उम्मीद करना भी बेमानी है. आज मुझे कोर्ट से मिलती है तो तारीख पर तारीख. आज समाज में दहेज कानून सुसराल वालों को ब्लैकमेल करने का हथियार बनता जा रहा है. अंधे जजों और पुलिस वालों का तो कहना ही क्या ?
दोस्तों यह सब मैंने अपनी फेसबुक की "वाल" पर लिखा था. उसके बाद मेरे अन्य दोस्तों/शुभचिन्तकों की टिप्पणी आई. उसमें से कुछ टिप्पणी और उसकी प्रतिक्रिया यहाँ पर रख रहा हूँ.
रमेश कुमार जैन @सुभाष चन्द्र गुप्ता जी, आपका आभार. यह भी जानता हूँ कि हर एक रात के बाद एक नई सुबह आती है. लेकिन अदालत से मुझे और पांच साल बाद न्याय मिला तो क्या वो मेरे लिए न्याय ना होकर "अन्याय" नहीं होगा.
Tara Jain Aaj mahilaon & shadi shuda aurton ko jitne kanooni adhikar de diye gaye hain, ye shubh sanket nahi hai. Jyadatar cases mein vivih ke pratham teen varsho mein sambandh-vicchhed dekhne me aa rahe hain.
हिमाँशु गर्ग हिंदू रमेश जी आजकल के समय में कानून से किसी भी प्रकार की उम्मीद रखना रेत का पूल बनाने जैसा है, हम और हमारी सहानुभूति आपके साथ है किसी भी प्रकार हम आपके काम आ सके हमारा सौभाग्य होगा
Hemant Jain please visit

बबीता वाधवानी -
बहुत दुख हुआ पढकर कि बिना दहेज मांगे आपको जेल जाना पडा। अजीब है दुनिया मैं तो कहती हूँ शान्ति से खुद भी जीना चाहिए और दूसरो को भी जीने देना चाहिए ।
रमेश कुमार जैन बबीता वाधवानी जी, पुलिस अधिकारीयों की अपनी मजबूरी होती है कि इन्हें "दबाब" कार्य करने पड़ते है. ऐसा मैं खुद अपने मामले में देख चूका हूँ. देखें-मैं आपको अपना उदाहरण देकर समझता हूँ कि थाना-कीर्ति नगर की वुमंस सैल के जाँच अधिकारी राधेश्याम ने मेरे सामने अपनी सीनियर को कहा था कि मैडम लड़की के पास कोई ठोस सबूत नहीं है अपनी बात साबित करने के लिए और लडके के पास ठोस सबूत है. अपनी बात साबित करने के लिए जबकि हमने लडके से इतनी बातें भी नहीं की है. लेकिन फिर भी मेरे ऊपर केस दर्ज है. उनका कहना था कि हमारी मजबूरी है केस दर्ज करना. उनकी इस मजबूरी ने मुझे आज बर्बाद कर दिया और बिना कसूर के "जेल" का दाग लगा दिया. लेकिन इतने घटिया आरोप (दहेज मंगाने) के लिए जेल जाना सहन नहीं हो रहा है. इसका सारी जिंदगी अफ़सोस रहेगा. जब अपने ही इतना कष्ट देते है तब अच्छे भले आदमी का दिमाग खराब हो जाता है. अगर मुझे कभी अपनी लेखनी के लिए जेल जाना पड़े या "फांसी" भी चढ़ना पड़े तो इतना अफ़सोस नहीं होगा.
भाई जी , ठीक इसी रास्ते से होकर आया हूँ , दावा है अंतिम जीत सत्य की निश्चित है, अगर आप चाहें एक मदद आपकी करना चाहूँगा एक इमानदार / सच्चा "इंसान वकील" के बारे में बता कर , cont.- manoj.shiva72@gmail.com
जवाब देंहटाएंआप वकील का पता व फोन नं. बताए. यदि उसका कोई ईमेल आदि या फेसबुक आई.डी भी हो तो वो भी दे दें.
जवाब देंहटाएंआप की पोस्ट पढ कर पता नही क्यों मन भारी हो गया...
जवाब देंहटाएंमै बहुत आहत हुई सब पड़कर,काश आपकी कुछ मदद कर पाती
जवाब देंहटाएंक्या कहूँ, भाई मेरी भी हालत ऐसी है। मेरे भैया शादी किये और अब लड़की और उसके परिवार वालों ने मिलकर हमारे परिवार को बलकमेल (रुपया मागते) हैं । कहते है कि अगर रुपया नहीं दिया तो हम सभी के ऊपर दहेज प्रथा के केश कर के जेल भेज देंगे । मेरा नाम सुजीत कुमार है और मैं B.Sc में पढ़ रहा हूँ ।अगर उसने सचमुच ऐसा किया तो मेरा कैरियर खराब हो जाएगा मेरा परिवार बिखर जाएगा क्या करूँ कुछ समझ में नहीं आता है। मेरे परिवार में हमलोग 3 भाई और 1 बहन है माता-पिता है। जो मेरे बड़े भाई की शादी के बाद बड़ी भाभी और उसके परिवार वालों ने ऐसा कर रहे हैं।
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