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रविवार, जून 12, 2011

मैंने पत्नी की जो मानसिक यातनाएं भुगती हैं

मेरी पत्नी और सुसराल वालों ने महिलाओं के हितों के लिए बनाये कानूनों का दुरपयोग करते हुए मेरे ऊपर फर्जी केस दर्ज करवा दिए. इससे  मेरी परेशानियों में बढ़ोतरी हुई. थोड़ी बहुत पूंजी अपने कार्यों के माध्यम जमा की थी. सभी कार्य बंद होने के, बिमारियों की दवाइयों में और केसों की भागदौड़ में खर्च होने के कारण आज स्थिति यह है कि-पत्रकार हूँ कुछ कानूनों की जानकारी रखता हूँ. इसलिए भीख भी नहीं मांग सकता हूँ और अपना ज़मीर व ईमान बेच नहीं सकता हूँ. अत: कल ही मैंने कल ही राष्ट्रपति से इच्छा मुत्यु प्रदान करने की मांग की हैं. अपना घर बसाने के लिए मैंने अपनी पत्नी के बहुत अत्याचार सहे. शायद उसमें कोई सुधार आ जाए. मगर सुधार आने की वजय बल्कि उसका व्यवहार और ज्यादा क्रूर होता गया. मैंने अपनी पत्नी द्वारा दी जो मानसिक यातनाएं भुगती हैं. उनको कल ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर श्री बी.के. गुप्ता और दिल्ली हाई कोर्ट के श्री दीपक मिश्रा जी को एक पत्र में लिखकर भेजा है. शायद कोई उच्च पद पर बैठा अधिकारी मेरी ईमानदारी और विश्वास करें. अगर उनके दिल के किसी कोने में इंसानियत बची होगी तो शायद मुझे इन्साफ मिल जाए.  

2 टिप्‍पणियां:

  1. यहाँ सब अंधे, बहरे है, कोई देखेगा भी नहीं ।

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  2. यहाँ पत्र पढ़ने में दिक्कत हो रही है। छोटा है, इसलिए दिख नहीं रहा।

    जवाब देंहटाएं

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